सनातनदेखि चलिआएको यस व्रतको साङगेका दिन व्रतालुहरुले व्रत साङ्गे पूजाको लागि निम्न लिखित सामानहरुको व्यवस्था गर्नुपर्नेछ । नियमहरु यसप्रकार छन्–
क ताय् (धानको लावा)
क आखे १०८ (केलाएको चामल)
क जाकी (अक्षता)
क ईता (दीप बत्ती)
क क्वखं मगागु लः (कागले ननाघेको जल)
क पञ्चरङ्गी ईता (पञ्चरङ्गी दीप)
क जजंकाः (देवतालाई लगाईदिने डोरो)
क ईता १०८ (दीप बत्ती १०८)
क जजंकाः १०८ (डोरो १०८)
क पलेस्वां (कमलको फूल)
क उफोस्वां (नीलकमलको फूल)
क धन स्वां –धन फूल(कन्दर्भ)
क कपु स्वां (कर्पुर पाती)
क गुण केरा स्वां (गुणकेशरी फूल)
क द्वाफो स्वां (वेली फूल) १०८
क चाँदीको द्वाफो स्वां (फूल)
क सि स्वां (सुनाखरीको फूल)
क सिन्हं स्वां (नारायण पाती)
क जाई स्वां (जाईको फूल)
क ताः स्वां (१०८ प्रकारको फूल)
क अन्य सक्ने जत्ति विभिन्न प्रकारको फूल
क फलफूल विभिन्न किसिमको
क वयर
क सेती वयर
क खाईसी (तिते अमिलो)
क नैक्या (नरिवल)
क लकस (पानी अमला)
क गुतः (दुवो)
क अम्ब (अमला)
क जत्ता नैक्या (जत्ताधारी नरिवल)
क चिःग्वगु ग्वँय् (सानो सुपारी) ८
क तःग्वगु ग्यँय् (ठूलो सुपारी)– १
(विवाहितको महिलाको लागि मात्र)
क १०८ टुक्रा सुपारी
क पान १०८
क वस्त्र १ (होम गर्न लुगाफाटो घीउमा भिजाएर ल्याउने)
क पञ्च पलाः (पञ्च पल्लव)
क कलं पका (कपडाको ध्वजा)
क सा दुरु (गाईको दूध)
क सा च्वः (गाईको गहुँत)
क गोवर ल्हातय् फयातःगु (गोबर भुइँमा नझर्दै हातमै थापेको)
क बेल पत्र
क पञ्चरङ्गी मरी (पञ्चरङ्गी रोटी)
क तुलसी पत्र
क सिदा भाग –५
क निस्ला भाग –५
क पूजा क्वतः (पूजा थाली)
क सिन्हँ म्हू (फुसे्र सिन्दूर सहितको गजुर भएको भाँडो)
क त्वादेवा (पानस)
क घण्टी (गं चा)
क पञ्चरङ्गी धागो (पसुकाः)
क पञ्चरङ्गी मोटो धागो (ग्वयँकाः)
क कलेगोम्प (माटोको कलश) कजी÷कजिनी÷पूरोहित बाजे र माधवनारायणलाई चढाउनै पर्ने साथै आफ्नो परिवारजन ईष्टमित्रलाई फूल प्रसाद बाँड्नुपर्ने हुन्छ आवश्यकता अनुसार कलशको व्यवस्था गर्ने । यही कलश साटफेर गरि मीत लाउन प्रयोग गरिने
क तिइ पँ (निगालो) (कपडा राखेर झण्डा बनाउन प्रयोग गरिने) कलस सरह
क काकचा पु (सल्लाको बियाँ) (कलस सरह)
क सेता कपडा बाला (कलस सरह)
क अत्तर बनाई भोगटेमा राखेर लैजाने
क सलिंचा आवश्यकता अनुसार
क सुकुन्दा गणेश सहितको
क पञ्चरङ्गी ईता (पञ्चरङ्गी दीप)
माथि उल्लेखित सामग्रीहरुबारे नबुझेमा वा आफूलाई विस्तृत जानकारी चाहिएमा मूल पूजारी, साँवागण र कजि (व्रत नाईके)सँग सोधपूछ गर्नुपर्नेछ ।
(यी माथि उल्लेख गरिएका नियमहरुमा केही छूट हुन गएको भए थप गर्नको लागि आफ्नो राय सल्लाह दिन समेत हार्दिक अनुरोध गर्दछौँ । आफ्नो राय भरसक लिखितरुपमा दिन समेत अनुरोध गर्दछौँ ।– सम्पादक)
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